1 वर्षीय बीएड के बाद अब 1 साल का मास्टर ऑफ एजुकेशन कोर्स भी शुरू होगा इसके अलावा टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम में बड़ा बदलाव किया जा रहा है अगले साल से कोशिश में एडमिशन के लिए प्रक्रिया बदल जाएगी इसके अलावा कोर्स का समय भी अलग रहेगा दरअसल देश भर में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से यह कदम उठाए जा रहे हैं।
देशभर में शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए 9 टीचिंग कोर्सेज के लिए नए नियम तैयार किए गए हैं जिन पर बुधवार को अंतिम मुहर लगाई जाएगी इस दिन नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन NCTE की गवर्निंग बॉडी की बैठक होगी जिसमें नए रेगुलेशंस को अंतिम रूप दिया जाएगा।
NCTE के नए नियम और बदलाव
NCTE के चेयरमैन प्रो पंकज अरोड़ा ने बताया कि ड्राफ्ट रेगुलेशंस पर 7000 से अधिक सुझाव मिले और सभी सुझावों की विस्तार से समीक्षा की गई है गवर्निंग बॉडी की बैठक में सभी महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल किया जाएगा जिसके बाद नए नियमों को सार्वजनिक रूप से जारी किया जाएगा प्रो अरोड़ा ने यह भी बताया कि नए नियमों को लागू करने की मंजूरी केंद्र सरकार से भी मिलेगी और इसके बाद नए नियम पूरे देश में लागू किए जाएंगे।
BEd और MEd कोर्स में बदलाव
नए नियमों के अनुसार BEd बैचलर ऑफ एजुकेशन और MEd मास्टर ऑफ एजुकेशन कोर्स में अहम बदलाव हो सकते हैं इसके साथ ही मास्टर ऑफ एजुकेशन प्रोग्राम पार्ट टाइम को भी वापस लाने की संभावनाएं हैं यदि कोई अतिरिक्त योग्यता एडिशनल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की जरूरत होगी तो उसे भी शामिल किया जाएगा।
2026 से टीचिंग प्रोग्राम में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे जिससे शिक्षक प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाया जा सके इन बदलावों के तहत इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम ITEP को भी शामिल किया गया है जो शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली को और अधिक संरचित बनाएगा यह नया नियम 2026 बैच से प्रभावी होगा जिससे नए शिक्षक प्रशिक्षण मानकों को लागू करने में मदद मिलेगी इसके अलावा एनसीईआरटी NCERT द्वारा तैयार किए गए नए शिक्षक शिक्षा मानकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा ताकि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके और देश की शिक्षा प्रणाली को और मजबूत किया जा सके।
क्या 1 साल के B.Ed और M.Ed पर लागू होंगी नई शर्तें?
प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि गवर्निंग बॉडी की स्वीकृति के बाद संशोधित नियमों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। इन नए रेगुलेशंस में टीचिंग कोर्सेज में व्यापक सुधार और बदलाव की रूपरेखा तैयार की गई है। इसमें एक वर्ष के B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और M.Ed (मास्टर ऑफ एजुकेशन) प्रोग्राम के साथ-साथ पार्ट-टाइम मास्टर ऑफ एजुकेशन कोर्स को दोबारा शुरू करने की योजना भी शामिल हो सकती है। प्रो. अरोड़ा का कहना है कि प्राप्त फीडबैक के आधार पर कुछ अतिरिक्त योग्यता मानदंडों को भी जोड़े जाने पर विचार किया जा रहा है।
आईटीईपी के अलावा संचालित होंगे ये पाठ्यक्रम
आईटीईपी (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) के साथ-साथ अन्य शिक्षण पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। इनमें एक वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) प्रोग्राम, दो वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) प्रोग्राम, पूर्णकालिक मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड) प्रोग्राम और अंशकालिक मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड) प्रोग्राम शामिल होंगे इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण को अधिक व्यापक और प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे देश की शिक्षा प्रणाली को और मजबूत किया जा सके।
नए नियमों का उद्देश्य
NCTE द्वारा किए गए इन बदलावों का उद्देश्य शिक्षकों की गुणवत्ता को सुधारना और देश में टीचर ट्रेनिंग को और अधिक प्रभावी बनाना है नए नियमों के लागू होने के बाद टीचिंग प्रोग्राम अधिक संरचित और व्यावहारिक रूप से मजबूत होंगे ये बदलाव शिक्षकों की प्रतियोगिता को बेहतर बनाएंगे और देश की शिक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करेंगे।